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क्या आप जानते है , गुणों का खजाना है करेला, जानें इसके गजब के लाभ
  1. करेला को सदियों से कई बीमारियों के इलाज के लिए कारगर माना जाता रहा है, लेकिन एक हालिया शोध में यह खुलासा हुआ है कि करेला कैंसर से लड़ने में भी मददगार है।
  2. मधुमेह की बीमारी के इलाज में करेले के जूस और सप्लीमेंट का काफी इस्तेमाल किया जाता है। मिसुरी की सेंट लुईस यूनिवर्सिटी में चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार करेला कैंसर से लड़ने में भी कारगर है।
  3. करेला मूलत: दक्षिण भारतीय राज्य केरल से ताल्लुक रखता है बाद में यह सब्जी कई जगहों पर उगाई और खाई जाने लगी। सबसे पहले चीन में और उसके बाद अफ्रीका और कैरेबियन क्षेत्रों में भी करेला का आहार में इस्तेमाल होने लगा।
  4. पारंपरिक तौर पर करेला कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है और हालिया समय में मधुमेह के इलाज के लिए करेले के सप्लीमेंट का इस्तेमाल काफी बढ़ा है। यह एशिया के कई देशों के आहार में प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है।
  5. मिसुरी की सेंट लुईस यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर रतना रे और उनकी टीम ने चूहों पर शोध किया। इसमें पाया गया कि करेला कैंसर के ट्यूमर को बढ़ने और फैलने से रोकने में कारगर है।
जानकर हो जाएंगे हैरान रोज कितने बादाम खाने चाहिए और कैसे ?

आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में सभी चाहते हैं कि वे हमेशा स्वस्थ रहें ताकि वे अपना और अपने परिवार का अच्छे से ख्याल रख पाएं। लेकिन शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए उचित खान-पान का फी जरूरी है।  यदि आप अच्छा और हेल्दी भोजन करेगें तो आपकी स्कीन तो ग्लो करेगी ही साथ ही आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा।यदि आप खराब चीजें जैसे शराब या जंक फूड आदि का सेवन करेंगे तो आपके शरीर को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा ।खाने की आवश्यकता हमें जीने के लिये हर पल होती है जो हमें मिलती है ऐसे खाद्य पदार्थो से जिनमें भर पूर प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व हों।हमारे स्वास्थ्य के लिये एवं शरीर की स्फूर्ति के लिये सूखे मेवे बहुत शक्ति वर्द्ध क होते हैं । इन में प्रोटीन से भर पूर फाइबर, फाइटो न्यूट्रियंट्स एवं एन्टी ऑक्सीडेण्ट्स जैसे विटामिन ई एवं सेलेनियम जैसे पोषक तत्व होते हैं । बादाम, किशमिश, पिस्ता, काजू, अखरोट आदि पांच ऐसे मे वे हैं जिनमें शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के अलग-अलग गुण होते हैं।

बादामको dry fruits का राजा कहा जाता है क्यूंकि इसमें कई प्रकार के प्रोटीन, Fiber और useful Fatty Acids होते है। बादाम traditional sneaks के लिए एक स्वस्थ विकल्प है। बादाम एंटी-ऑक्सीडेंट्स में समृद्ध होते हैं और इसमें Zero Cholestrol होता है।यह बालों, त्वचा और दांतों के लिए फायदे मंद होने के अलावा कब्ज, Respiratory issues और heart disease से राहत प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

 

बादाम के फायदे

  •         त्वचा, बालों और स्वास्थ्य के लिए बादाम के कई फायदे हैं:
  •         बालों की जड़ों में रूसी और खुजली होने से रोकता है|
  •         विभाजित होने वाले बालों के सिरोंसे और बाल गिरने से बचाता है|
  •         त्वचा में मेलेनिनका बनना कम करता है|
  •         त्वचा को नम रखता है|
  •         कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है|
  •         वजन घटाने में मदद करता है|
  •         कार्डियो वैस्कुलर बीमारियों से बचाव करता है|

बादाम का उपयोग कैसे करें?

  •         नाश्ते में कच्चा खा सकते हैं|
  •         व्यंजनों पर सज़ा सकते हैं|
  •         रात को सोने जाने से पहले बादाम का दूध पियें|
  •         सादा दही में बादाम मिलाकर खाएं|
  •         सभी मांसाहारी व्यंजनों को बादाम से सजाएं|

खुराक कितना लेना चाहिए ?

बादाम का सेवन शरीर को हर प्रकार की बीमारी से मुक्त करता है । दिन में दो बार 4-5 बादाम लेना स्वास्थ्य लाभ के लिए काफी है।

बादाम के साइड इफेक्ट्स और बचाव

बादाम 100%  प्राकृतिक हैं और उनका कोई नुक्सान नहीं है। लेकिन यदि एक दिन में 12-14 बादाम से अधिक लेते हैं तो गैस की समस्या का कारण बन सकता है या आपके पेट में  परेशानी पैदा कर सकता है।

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काजू बादाम कैसे खाने चाहिए कच्चे या रोस्टेड

काजू, बादाम, अखरोट, मूंगफली और पिस्ता आदि नट्स हमारे सेहत के लिए बहुत फायदे मंद होते हैं।

अक्सर लोग इन नट्स को कच्चा खाने के बजाय रोस्टेड यानी भून कर खाते हैं।

रोस्टेड नट्स का स्वाद कच्चे नट्स से ज्यादा टेस्टी लगता है।

मगर क्या रोस्ट करने के बाद भी ये नट्स पौष्टिक रह जाते हैं?

ज्यादा तर लोग मानते हैं कि अगर नट्स को तेल या बटर में फ्राई न किया जाए, तो ये पौष्टिक होते हैं।

काजू, बादाम, अखरोट, मूंगफली और पिस्ता आदि नट्स हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।अक्सर लोग इन नट्स को कच्चा खाने के बजाय रोस्टेड यानी भून कर खाते हैं।रोस्टेड नट्स का स्वाद कच्चे नट्स से ज्यादा टेस्टी लगता है।मगर क्या रोस्ट करने के बाद भी ये नट्स पौष्टिक रह जाते हैं? ज्यादातर लोग मानते हैं कि अगर नट्स को तेल या बटर में फ्राई न किया जाए, तो ये पौष्टिक होते हैं।आइए

आपको बताते हैं एक्सपर्ट्स इस बारे में क्या राय रखते हैं।

नहीं कम होते पोषकतत्व फूड न्यूट्रिश्निस्ट के अनुसार, अगर आपको भून कर नट्स खाना पसंद है, तो इसमें कोई नुकसान नहीं है। नट्स को भूने जाने के बाद उसके मौजूदा स्वरूप बदल जाता है।यहां तक कि उसके स्वाद में भी बदला आता है। लेकिन जहां तक बात उसके पौष्टिक तत्व में बदलाव की है, तो ऐसा नहीं होता । विशेषज्ञों का मानना है कि नट्स भुनने के बाद उनके के मिकलकंपोजिशन में ही बदलाव होता है। इससे उनके रंग और स्वाद में फर्क नजर आने लगता है। चूंकि भूने जाने के बाद नट्स अपना पानी खो देता है, जिस वजह से ये खाने में क्रंची हो जाते हैं।इसके अलावा इसके फैट में कोई कमी नहीं आती ।हां अगर आप इन्हें तेल या बटर में फ्राई करते हैं, तो नट्स में वसा की मात्रा बढ़ जाती है।

ज्यादा तलने या भूनने से नट्स में ये फैट नष्ट हो जाते हैं। ये फैट आपको दिल की बीमारियों से बचाने के लिए फायदे मंद माना जाता है।इतना ही नहीं ज्यादा भूनने से ये फैट हानिकारक रेडिकल्स में बदल जाता है जोकि हमारे सेल्स को डैमेज कर सकता है। मतलब ये कि  अगर आप नट्स को भून रहे हैं और इस दौरान इसमें से महक आने लगी है, तो बेहतर है इसे न खाएं।असल में सेइस में से आ रहीम हक इस बात की ओर इशारा कर रही है कि अब ये खाने लायक नहीं है। बहुत कम समय के लिए भूनें नट्स नट्स को बहुत धीमी आंच पर थोड़े समय के लिए भूनना चाहिए, ताकि उनका पानी जल जाए और वो कुर कुरे हो जाएं। ज्यादा तापमान पर नट्स को भूनना भी खतरनाक होता है। इसका कारण यह है कि नट्स में अमिनोएसिड एस्पेरेजिन और प्राकृतिक शुगर के बीच के मिकलरि एक्शन होने लगता है।इसे केमिकल रिएक्शन मे लार्ड रिएक्शन कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब नट्स बहुत ज्यादा हीट में पकाया जाता है और इससे नट्स का रंग ब्राउन होने लगता है। ये रिएक्शन हमारे शरीर के नुकसानदायक है।अध्ययनों के मुताबिक रोस्टेड नट्स खाना हानिकारक नहीं है बशर्ते इसेक भी- कभी और कम मात्रा में खाया जाए। सबसे बेहतर हैं कच्चे नट्स आप नट्स खाने के शौकीन हैं और इसके सभी फायदों को चाहते हैं,  तो आप इन्हें कच्चा ही खाएं ।मूंगफली के अलावा सभी नट्सको आसानी से कच्चा खाया जा सकता है। मूंगफली को भी हल्की आंच में भून कर ही खाना चाहिए।नट्स का सेवन करने से दिल की बीमारियां दूर रहती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है।

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शेविंग करने का सही तरीका : शेविंग टिप्स
  1. शेविंग से पहले स्टब को गर्म या गर्म पानी से गीला किया जाना चाहिए। यह बाल शाफ्ट को घुमाता है जिससे ब्लेड बाल को काट सकता है, आपकी त्वचा को नहीं।
  2. अच्छी तरह से दाढ़ी में शेव क्रीम की मालिश करें। विटामिन A और एलोवेरा आधारित शेव क्रीम एक करीबी सुखदायक दाढ़ी प्रदान करेगी और रेजर चकत्ते और जलन से बचाएगी।
  3. एक तेज ब्लेड का उपयोग करें। एक सुस्त ब्लेड कई शेविंग कट के लिए जिम्मेदार होता है क्योंकि यह आपके चेहरे पर गिर जाता है और आपकी त्वचा को आपकी दाढ़ी के बालों के साथ पकड़ लेता है।
  4. शेविंग करते समय अक्सर गर्म पानी में ब्लेड को रगड़ें और धीमी गति वाले स्ट्रोक का उपयोग करें। पर्याप्त समय लो
  5. यदि आपको कोई दाना या मुहांसे या मास्सा है? दाने के साथ शेविंग करने का मतलब है कि आपके चेहरे पर बाल कैसे उगते हैं, इस दिशा में शेव करना। इस तरह शेव करना हमेशा बेस्ट होता है। दाने के खिलाफ शेविंग से लालिमा, चकत्ते, रेजर बर्न और अंतर्वर्धित बाल हो सकते हैं, जो सभी दर्दनाक हैं।
  6. शेविंग के बाद, चेहरे को भिगोने और सुरक्षा के लिए एक तेल-मुक्त मॉइस्चराइज़र उपयोग करें। यदि आप आफ्टर-शेव पसंद करते हैं, तो अलकोहल लेबल की जाँच करें। सूखापन और चुभने वाली संवेदनाएं अधिकांश आफ्टर-शेव उत्पादों के उत्पाद हैं जिनके प्राथमिक घटक शराब/अलकोहल है। यह उस समय अच्छा लग सकता है, लेकिन शराब/अलकोहल के बाद आधारित शैव वास्तव में कई परेशानी पैदा कर सकता है।
  7. बहुत सारे फोम या लाठर की जरूरत नहीं है। कई किराने और ड्रग स्टोर शेव क्रीम में सोडियम लॉरेल सल्फेट जैसे त्वचा की जलन होती है, जो उत्पाद को "फोम अप" करने के लिए तैयार की जाती है। हालाँकि, ये अड़चनें आपकी त्वचा की समस्या का कारण हो सकती हैं।

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